Jun 14, 2021

॥ श्री दत्तगुरु करुणाष्टक ॥


|| श्री गणेशाय नम: || ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः ||


दत्तात्रेया तव शरणम् | दत्तनाथा तव शरणम् | त्रिगुणात्मका त्रिगुणातीता | त्रिभुवनपालक तव शरणम् || १ ||

शाश्वतमूर्ते तव शरणम् | श्यामसुंदरा तव शरणम् | शेषाभरणा शेषभूषणा | शेषशायी गुरु तव शरणम् || २ ||

षड्भुजमूर्ते तव शरणम् | षड्भुजयतिवर तव शरणम् | दंडकमण्डलु-गदापद्मकर | शंखचक्रधर तव शरणम् || ३ ||

करुणानिधे तव शरणम् | करुणासागर तव शरणम् | श्रीपादश्रीवल्लभ गुरुवर | नृसिंहसरस्वती तव शरणम् || ४ ||

श्रीगुरुनाथा तव शरणम् | सद्गुरुनाथा तव शरणम् | कृष्णासंगमीतरुतलवासी | भक्तवत्सला तव शरणम् || ५ ||

कृपामूर्ते तव शरणम् | कृपासागरा तव शरणम् | कृपाकटा़क्षा कृपावलोकना | कृपानिधे प्रभु तव शरणम् || ६ ||

कालांतका तव शरणम् | कालनाशका तव शरणम् | पूर्णानंदा पूर्णपरेशा | पुराणपुरुषा तव शरणम् || ७ ||

जगदीशा तव शरणम् | जगन्नाथा तव शरणम् | जगत्पालका जगदाधीशा | जगदोद्धारा तव शरणम् || ८ ||

अखिलांतरा तव शरणम् | अखिलैश्वर्या तव शरणम् | भक्तप्रिया वज्रपंजरा | प्रसन्नवक्त्रा तव शरणम् || ९ ||

दिगंबरा तव शरणम् | दीनदयाघन तव शरणम् | दीनानाथा दीनदयाळा | दीनोद्धारा तव शरणम् || १० ||

तपोमूर्ते तव शरणम् | तेजोराशी तव शरणम् | ब्रह्मानंदा ब्रह्मसनातन | ब्रह्ममोहना तव शरणम् || ११ ||

विश्वात्मका तव शरणम् | विश्वरक्षका तव शरणम् | विश्वंभरा विश्वजीवना | विश्वपरात्पर तव शरणम् || १२ ||

विघ्नांतका तव शरणम् | विघ्ननाशका तव शरणम् | प्रणवातीता प्रेमवर्धना | प्रकाशमूर्ते तव शरणम् || १३ ||

निजानंदा तव शरणम् | निजपददायका तव शरणम् | नित्यनिरंजन निराकारा | निराधारा तव शरणम् || १४ ||

चिद्घनमूर्ते तव शरणम् | चिदाकारा तव शरणम् | चिदात्मरूपा चिदानंदा | चित्सुखकंदा तव शरणम् || १५ ||

अनादिमूर्ते तव शरणम् | अखिलावतारा तव शरणम् | अनंतकोटि ब्रह्मांडनायका | अघटितघटना तव शरणम् || १६ ||

भक्तोद्धारा तव शरणम् | भक्तरक्षका तव शरणम् | भक्तानुग्रहगुरुभक्तप्रिया | पतितोद्धारा तव शरणम् || १७ ||

दत्तात्रेया तव शरणम् | दत्तनाथा तव शरणम् | त्रिगुणात्मका त्रिगुणातीता | त्रिभुवनपालक तव शरणम् ||

त्रिभुवनपालक तव शरणम् || त्रिभुवनपालक तव शरणम् || त्रिभुवनपालक तव शरणम् ||



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